इतनी शक्ति, हमें देना दाता,
मनका विश्वास, कमजोर हो ना,
हम चलें नेक, रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी, कोई, भूल हो ना,
हर तरफ़, ज़ुल्म है बेबसी है,
सहमा-सहमा सा हर आदमी है,
पाप का बोझ, बढ़ता ही जाए,
जाने कैसे, ये धरती थमी है ,
बोझ ममता से, तूँ ये उठा ले,
तेरी रचना का, ये अंत हो ना,
हम चलें नेक, रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी, कोई, भूल हो ना,
इतनी शक्ति, हमें देना दाता,,,,
हम अँधेरे, में हैं रौशनी दे,
खो ना दे, खुद को ही, दुश्मनी से,
हम सज़ा पाएं, अपने किए की,
मौत भी हो, तो सह ले, ख़ुशी से,
कल जो गुज़रा है, फिर से ना गुज़रे,
आने वाला वो कल, ऐसा हो ना ,
हम चले, नेक रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी, कोई, भूल हो ना ,
इतनी शक्ति, हमें देना दाता,,,,,,,
दूर अज्ञान, के हो अँधेरे,
तूँ हमें, ज्ञान की, रौशनी दे,
हर बुराई, से बचके रहें हम,
जितनी भी दे, भली ज़िन्दगी दे,
बैर हो ना, किसी का किसी से,
भावना मन में, बदले की हो ना,
हम चलें, नेक रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी, कोई, भूल हो ना,
इतनी शक्ति, हमें देना दाता,,,,,,
हम न सोचें, हमें क्या मिला है,
हम ये सोचें किया, क्या है अर्पण,
फूल खुशियों, के बांटें सभी को,
सबका जीवन, ही बन जाए मधुबन,
अपनी करुणा, का जल तूँ , बहा के,
करदे पावन, हर एक मन, का कोना,
हम चलें, नेक रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी, कोई, भूल हो ना,
इतनी शक्ति, हमें देना दाता,,,,,,
अपलोडर- अनिल रामूर्ति भोपाल