पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में,
पिता जैसा नहीं कोई है मेहरबान दुनिया में,
ये बचो के लिए चुन चुन के वो दाना है,
ये एक एक जोड़ के तिनका बनता आशियाना है,
बच्चो की पूरी जिद करता ये देकर जान दुनिया में,
पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में,
पिता के साये में जग की ये सारी सेहन शाही है,
पिता के प्यार की कीमत नहीं जाती चुराई है,
पिता के साथ बच्चो की है रहती शान दुनिया में,
पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में,
ये बनके आस्मां करता पिता बच्चो पे साया है,
नहीं तो ऐसे लगता है की सारा जग पराया है,
पिता के नाम से मिलती हमे पहचान दुनिया में,
पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में,
पिता बन के पता चलता ये कैसा प्यारा रिश्ता है,
उतर आया जो जन्नत से पिता वोही फरिश्ता है,
इन्हे दुःख देकर सुख पाती नहीं संतान दुनिया में
पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में,