फागुन का है मेला आया मेरे लखदातार,
जम कर होली खेले गे तेरे संग में ओ लखदातार,
लाल गुलाल लगा कर खेलु होली सँवारे,
जो प्रेमी रंग गये तेरे रंग में हो गये वनवारे,
हम सब मिल कर तुम्हे मनाये मेरे लखदातार,
जम कर होली खेले गे तेरे संग में ओ लखदातार,
तेरे दर पे धूम मची है प्रेमी नाचे है,
तेरे दर आवन खातिर दिल यो मचे है,
तेरे दर पे सांवरियां हमे खुशियां मिले अपार,
जम कर होली खेले गे तेरे संग में ओ लखदातार,
दूर दूर से प्रेमी तेरे दर पे आये है,
फागुन का त्यौहार तेरे दरबार मनावे है,
गुलाम हो गया मिठू तेरा कहता हर बार,
जम कर होली खेले गे तेरे संग में ओ लखदातार,