कृष्ण की कृपा का कोई जवाब है नहीं,
वो कब दे और क्या दे, कोई हिसाब है नहीं,
कुछ भी तो नहीं मांगा था, दीन सुदामा ने,
राजी सदा वो रहता था, तेरी हर रजा में,
ऐसे बनाये महल त्रेलोक में कहीं नहीं,
वो कब दे और क्या दे,कोई हिसाब है नहीं,
कृष्ण की कृपा का..
भक्ति के वश में क्या क्या नहीं श्याम किया तुमने,
कपड़े धोये, चक्की फेरी, थामी लगाम तुमने,
करते हो ऐसी सेवा, गुलाम वो कहीं नहीं,
वो कब दे और क्या दे,कोई हिसाब है नहीं,
कृष्ण की कृपा का..
गिरधर गोपाल कहकर मीरा ने पिया प्याला,
तुमने भी कैसे विष को अमृत ही बना डाला,
करते हो ऐसा जादू सरकार वो कहीं नहीं,
वो कब दे और क्या दे,कोई हिसाब है नहीं,
कृष्ण की कृपा का, कोई जवाब है नहीं..
BHAJAN BY :
*श्रध्देय बलराम जी उदासीन*
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