सादे घर जगराता माँ दा लख लख शुक्र मनाइये,
माँ दे रज रज दर्शन पाइये,के माँ दे खुले दर्शन पाइये,
माँ दी किरपा दे ना मौका खुशियां वाला आया,.
मेहरा वाली मेहर है किती साडा भाग जगाया,
छड़ के चिंता दुनिया दी हूँ चित चरना विच लाइये,
माँ दे रज रज दर्शन पाइये,के माँ दे खुले दर्शन पाइये,
महारानी कल्याणी है जद अपनी मौज च आउंदी,
फिर अपने भगता दे घर विच दाती फेरा पाउंदी,
मैया रानी खुश हो जावे रल मिल भेटा गाइये,
के माँ दे रज रज दर्शन पाइये,के माँ दे खुले दर्शन पाइये,
पल न देर लगाओ भगतो मंग लो जो भी मंगना,
माँ ने अपने बच्या नु रंगा दे विच रंगना,
कर्मा रोपड़ वाला कहंदा जीवन सफल बनाइये,
माँ दे रज रज दर्शन पाइये,के माँ दे खुले दर्शन पाइये,