सभी देव देते दुनिया में पल्ला में झाड़ के,
मेरे राम प्रभु देते है भाइयाँ छप्पड़ फाड़ के
बात किसी से छुपी नहीं है सच्चा इनका दरबार है,
कलयुग इनके नाम लिखा और महिमा अप्रम पार है,
चित्र कूट में बैठे आना झंडा गाड़ के ,
मेरे राम प्रभु देते है भाइयाँ छप्पड़ फाड़ के
इक भगत ने कुटियाँ मांगी बनवा दियो मकान रे,
इक ने मांगी सुखी रोटी खुल गई तुरंत दूकान रे,
लाख मुसीबत फेंके है जड़ से उखाड़ के,
मेरे राम प्रभु देते है भाइयाँ छप्पड़ फाड़ के
इक पते की बात बताओ राम से स्नेह लगा लो रे,
प्रभु राम की भक्ति करके जीवन सफल बना लो रे,
गलती कर जाओ गे तुम इनसे बिगाड़ के ,
मेरे राम प्रभु देते है भाइयाँ छप्पड़ फाड़ के