मोर दी सवारी,मोर दी सवारी,
किनी सोहनी बाबा तेरी मोर दी सवारी,
भगता प्यारेया दा मोह लिया है मन
सारे जग तो न्यारी लगे जान तो प्यारी
मोर दी सवारी आलिशान देख के,
रतनो माँ होई सी हैरान वेख के,
उड़ गया मोर उत्ते हो के असवार,
खड़ी मारदी अवाज़ा रही रत्नो लुहारी
मोर दी सवारी,मोर दी सवारी,
गोरख सी आया अजमान वास्ते
चेला तेनु अपना बनाऊंन वास्ते
देख के हैरान होये गोरख दे चेले
जदों अम्बरा दे विच बाबा लाई तू उडारी
मोर दी सवारी,मोर दी सवारी,
सोना तेरे मोर जेहा मोर कोई ना
तेरे जेहा दुनिया च होर कोई ना,
महिमा तेरी गा के सतपाल ने सुनाई ,
देवे लिख लिख भेटा सुखा राहों दा लिखारी
मोर दी सवारी,मोर दी सवारी,
ॐ सिद्धाय नमः
जय बाबा बालक नाथ