हीरा मोतियाँ झड़ी झड़ी संकट काटे घड़ी घड़ी,
मेरे सिर पे बाबा श्याम घुमां दे मोरछडी़
शरण पड़ा मैं थारी अर्ज करा खोल पट बाबा तेरा दर्श करा,
तेरो बहुत बड़ो रे नाम घुमां दे मोरछडी़
सांचो रे दयालु तू तो मेहर करे,
भोला भगता की बाबा झोलियाँ भरे,
कुछ वारेयो खाटू धाम घुमां दे मोरछडी़
बैठो बैठो मीठा मीठा मुस्कावे,
रोटा जो भी आवे हस्ता जावे,
लेहरी सुमरो सुबह शाम,
घुमां दे मोरछडी़