मेला आया जोगी जी दा रोनका ने लगियाँ,
हर पास मंदिरा च ज्योति भी जगियां
आओ रल के ही सारे ही मना लो,
पौणाहारी बाबा जी तो सब कुझ पा लो,
धुनें वाला जोगी मेरा सच्ची सर्कार है,
कटदा कलेश देवे बड़ा ही प्यार है,
ओहदे रंगा विच मन नु रंगा लो,
पौणाहारी बाबा जी तो सब कुझ पा लो,
विच जाके शाहतलियाँ जाके जिन्हें डेरा लाया है,
भगता ने चाहवा नाल भवन सजाया है,
सारे ख़ुशी ख़ुशी तड़ियाँ बजा लो,
पौणाहारी बाबा जी तो सब कुझ पा लो,
जसम भी लेके आया फुला वाले हार ऐ,
शदिल भी आया एथे लें नु प्यार ऐ म
सच्ची मूरत नु मन च वसा लो,
पौणाहारी बाबा जी तो सब कुझ पा लो,