मोहन तेरी मुरली ने जादू कर दिया मैं तो सुध बुध अपनी बुली

तेरी मुरली ने जादू कर दिया मैं तो सुध बुध अपनी बुली रे
मोहन तेरी मुरली ने जादू कर दिया मैं तो सुध बुध अपनी बुली

माखन मिश्री खावे मोहन  करके कोई बहाना
विष्णु के अवतारी है ये देवो ने भी माना
जय हो सुदर्शन धारी तेरी महिमा जग से न्यारी
मोहन तेरी मुरली ने जादू कर दिया मैं तो सुध बुध अपनी बुली

सुन मुरली की तान रे कान्हा मन न लागे मेरो घर में
मात पिता मेरे पुशन लागे खड़ी हो किस चकर में
मैं तो मुरली के रंग में खो गई रे कान्हा
मोहन तेरी मुरली ने जादू कर दिया मैं तो सुध बुध अपनी बुली

गाल बाल संग बेठ के कान्हा मुरली मधुर बजाए
गोपिया खुश है ग्वाले खुश है एसी तान सुनाये
मैं तो झुला प्रेम का झूली रे कान्हा
मोहन तेरी मुरली ने जादू कर दिया मैं तो सुध बुध अपनी बुली

काली नाग को नाथ की तूने लीला अजब दिखाई
ऊँगली पे उठा इया पर्वत लीला अजब दिखाई
फिर जय जय ब्रिज में होली रे जग ब्रिज में होली
मोहन तेरी मुरली ने जादू कर दिया मैं तो सुध बुध अपनी बुली
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