अपना समज के तुझको सब हाल कह दिया है
तू भी वही न करना ओरो ने जो किया है
अपना समज के तुझको सब हाल कह दिया है
रोने दे आज हम को
कब से छुपा रखा है सीने में अपने गम को
सब जानता है तू तो सब कुछ तुझे पता है
अपना समज के तुझको सब हाल कह दिया है
नाकामिया मिली है तन्हाइया मिली है खुशियों की आरजू में रुसवाईया मिली है
दुनिया में क्या वफा का आखिर यही सिला है
अपना समज के तुझको सब हाल कह दिया है
मजबूरिया है ऐसे कुछ भी नही है बस में
दम घुट रहा है ऐसे बुलबुल हो जो कफस में
अब जो तेरी रजा हो अपनी वही रजा है
अपना समज के तुझको सब हाल कह दिया है
टुटा वही भरोसा विश्वाश था याहा पे
हस्ता है ये जमाना अब मेरी दासता पे
कोई नही बताता साहिल की क्या खता है
अपना समज के तुझको सब हाल कह दिया है