आयो फागण रंग रंगीलो , प्यारी होली आई
बरसे रंग गुलाल , सभी ने मिलके धूम मचाई
सेठ सावरा , सेठ सावरा , सेठ सावरा होली खेले , खूब धमाल मचा
नगाड़ा नगाड़ा नगाड़ा बजा ……...
सावरिया से आज खेलना , होली सारे चाहवे
कई कई घण्टे लगे लेन में , जब कही दर्शन पावे
रंग रहे गुलाल इत्तर से , रंग रहे गुलाल इत्तर से ,
रंग रहे गुलाल इत्तर से , कोई फूल रहा बरसा
नगाड़ा , नगाड़ा , नगाड़ा बजा ……...
खाटू नगरी सबसे न्यारी , तीन लोक के माही
सावरिया कृपा बरसावे , कमी रहे कुछ नाही
नजर मेहर की डाल सभी पे , नजर मेहर की डाल सभी पे ,
नजर मेहर की डाल सभी पे , सबको देख रहा
नगाड़ा , नगाड़ा , नगाड़ा बजा ……...
नाचे कूदे रंग जमावे , सबमे मस्ती आई
ढोल ढफ मृदंग मजीरा , बंसी और शहनाई
मिलके साज सुरीले बाजे , मिलके साज सुरीले बाजे ,
मिलके साज सुरीले बाजे , कैसा रंग जमा
नगाड़ा , नगाड़ा , नगाड़ा बजा ……...
खाटू जैसी सारे जग में हरीश ना देखी होली
दो नैना पिस्तोल बने है , भरी प्रेम की गोली
भूलन त्यागी श्याम धणी रे , भूलन त्यागी श्याम धणी रे ,
भूलन त्यागी श्याम धणी रे , सबको गले लगा
नगाड़ा , नगाड़ा , नगाड़ा बजा ……...
आयो फागण रंग रंगीलो , प्यारी होली आई
बरसे रंग गुलाल , सभी ने मिलके धूम मचाई
सेठ सावरा , सेठ सावरा , सेठ सावरा होली खेले खूब धमाल मचा
नगाड़ा , नगाड़ा , नगाड़ा बजा ……...