कान्हा जी,
मुझे अपना बना लीजिए,
कान्हा जी,
मुझे अपना बना लीजिए,
फूल समझ के चरणों में,
पुष्प समझ के चरणों में,
थोड़ी सी जगह दीजिए,
कान्हा जी, जय हो
मुझे अपना बना लीजिए।।
दिन रात चैन नहीं,
सुद्ध बुद्ध खोई कान्हां,
रंग चढ़ा मस्ती का,
मस्त में होइ रे,
अपने दीवानों में मेरा,
नाम लिखा दीजिए,
कान्हा जी, जय हो
मुझे अपना बना लीजिए।।
कानों में गूंजती है,
बांसुरी की तान रे,
कब से मनाऊं कान्हा,
अब जाओ मान रे,
मुरली समझके मुझको भी,
होठों से लगा लीजिए,
कान्हा जी, जय हो
मुझे अपना बना लीजिए।।
अवगुण देखना ना,
बहुत हैं मेरे,
करम हो जाए तेरा,
भाग जागे मेरे,
कान्हां अपने मन मंदिर में,
मुझको पनाह दीजिए,
कान्हा जी, जय हो
मुझे अपना बना लीजिए।।
सेवा में मेरे संग,
मेरा परिवार है,
डूब ना जाए नैया,
फंसी मझधार है,
भव सागर से पार लगाना,
इतनी कृपा कीजिए,
कान्हा जी,
मुझे अपना बना लीजिए।
कान्हा जी, जय हो
मुझे अपना बना लीजिए.......