अगर श्याम तेरी कृपा ना होती,
अगर श्याम तेरी कृपा ना होती,
गरीबों को दुनिया जीने ना देती,
गरीबों को दुनिया जीने ना देती,
गरीबों को दुनिया जीने ना देती.....
दर दर की ठोकर खाते सुदामा,
दर दर की ठोकर खाते सुदामा,
अगर श्याम होता ना तेरा ठिकाना,
जरा सोचो उन की दशा कैसे होती,
जरा सोचो उन की दशा कैसे होती,
गरीबों को दुनिया जीने ना देती,
अगर श्याम तेरी कृपा ना होती
अगर श्याम तेरी कृपा ना होती,
गरीबों को दुनिया जीने ना देती,
गरीबों को दुनिया जीने ना देती.......
युगो तक आहिल्या पापी रहती,
युगो तक आहिल्या पापी रहती,
शबरी की कुटिया भी वीरान रहती,
वह नरसी भी रोता, नानी बाई भी रोती,
गरीबों को दुनिया जीने ना देती,
अगर श्याम तेरी कृपा ना होती......
अगर तुम ना भरते दीनों की झोली,
अगर तुम ना भरते दीनों की झोली,
ना मनती कभी उनके घर मे दिवाली,
रोने को भी ‘सोनू’ जगह ही ना होती,
गरीबों को दुनिया जीने ना देती,
अगर श्याम तेरी कृपा ना होती......