जन्मे ब्रज में नंदलाला,
सब बधाई गाओ री,
हाँ बधाई गाओ री,
नंदलाला जी को झूले में,
झूलाकर आओ री......
भाद्रपद अष्टमी को शुभ घड़ी आई,
उमड़ घुमड़ फिर बदली घिर आई,
करो देरी नहीं..
बदली पानी बरसाओ री,
नंदलाला जी को झूले में,
झूलाकर आओ री......
मंगल कलश लिए सखी द्वारे पर है डोले,
गोपाल को करे नमन है,
मिलकर सब ये बोली,
माँ यशोदा हमें लल्ला का दर्श दिखाओ री,
नंदलाला जी को झूले में,
झूलाकर आओ री......