कर ली फागण की तैयारी खाटू नगरी जाणा सै,
माहरे श्याम धणी के खाटू में जमकर के फाग बनाणा सै।
रिंग्स के उस मोड से बाबा श्याम निशान उठाएंगे,
तोरण द्वार पै ढोल बजेगा रंग गुलाल उड़ाएंगे,
नाचेंगे जी भर के सांवरा तन्ने भी गैल नाचाणा सै,
माहरे श्याम धणी के खाटू में जमकर के फाग बनाणा सै....।
ऐसी सजती खाटू नगरी सबका मन हषार्वे,
जो आवे इस मेले में उसे थारा रंग चढ़ जावे,
देखेगी या दुनिया सारी ऐसा रंग जमाणा से,
माहरे श्याम धणी के खाटू में जमकर के फाग बनाणा से....।
कोई नाचता आवे कोई पेट पलणिया आवे से,
श्याम के दर भक्तों का मेला दिन-दिन बढ़ता जावे से,
राधिका करें उसकी चाकरी जिसका जग यो दीवाना सै,
माहरे श्याम धणी के खाटू में जमकर के फाग बनाणा से........।