फागुन का मेला,प्रेमियों से भर जायेगा,
मेले मे बाबा,मेरा प्यार लुटायेगा,
जीत दिलाएगा.....
फागुन का मेला प्रेमियों से भर जायेगा ।
फागुन का महीना प्यारा है,भक्तो को लगता न्यारा है,
मेले मे मेरा साँवरिया,जी भर प्यार लुटाता है,
तेरे ही भरोसे मेरी नाव चले,साँवरिया भंडार भरे,
जिंदिगी दी है इसने,ये ही बनायेगा,
जीत दिलाएगा .........
फागुन का मेला प्रेमियों से भर जायेगा ।
फागुन का महीना आया है,भगतो का मन हर्षया है,
लीले चढ़ मेरा साँवरिया,प्रेमी से मिलने आया है,
मोरछड़ी लहराई है,भक्तो की बिगड़ी बनाई है,
साथ था पहले भी,साथ निभाएगा,
गले से लगाएगा....
फागुन का मेला प्रेमियों से भर जायेगा ।
पांडव कुल मे प्रभु आये थे,भीम के पौत्र कहाये थे,
शीश दान दिया कृष्णा को,कलियुग के देव कहाए है,
बलिहारी जाऊ ये तन मन धन,जीवन है इसको अर्पण,
शीश का दानी ये तो,देर ना लगाएगा,
विजय गुण गायेगा.....
फागुन का मेला प्रेमियों से भर जायेगा ।
लेखक -हर्ष पालीवाल (छोटू)
गायक- विजय चावड़ा (8963914304)