लाज रखो मोरी लाज रखो मैं मंगता तोहरा कहलता,
तुझसे कर्म की आस बनी है,
दुखियो की फरयाद सुनी है,
दीप जलाया पानी से तूने तेरी जहाँ में बात बनी है,
लाज रखो.......
रहमत वाली नज़रे डालो दीवाने को साईं सम्बलो,
डूब ना जाये नैया मेरी गम से भवर से साईं निकालो,
लाज रखो...........
अपने दर पे तूने भुलाया भाग सभी का तूने जगाया,
साईं करदे एक नजरिया तेरे द्वारे मैं भी आया,
लाज रखो........