शगना दी लोहड़ी है आई, मुँह मंगी लैनी है बधाई ।
तेरी जीवे पुत्तां दी जोड़ी, सानू दे यशोदा-----
वसदा रहे तेरा नंद दोवारा, जीवे मधुप तेरा मुरली वाला ।
रहे वजदी बांस दी पोरी, सानू दे यशोदा-----
माई तेरा कृष्ण कन्हैया जय हो, जीवे बलदाऊ भैया-
जय हो वस्से माई गोकुल तेरा जय हो,
नच्चे माई नंद द वेहड़ा- जय हो रहन सदा खुशियां छाइयां जय हो, कि वजदियाँ रहन
लेखक : श्रीकेवल कृष्ण मधुप (मधुप हरि महाराज) अमृतसर