घर घर बधाई बाजे रे देखो घर घर बधाई बाजे,
ढोलक नगाड़ा वाजे रे देखो,
जन में अयोध्या में राम लला की माता कोश्लाया खिलाये रे,
घर घर बधाई बाजे रे .....
सोने के पलना में झूले ललनवा चांदी की पहने पैजनियाँ,
झुन झुन बाजे पाओ में गुंगरु खुश है बड़ी सारी सखियाँ,
पिला पीताबर शोभा बडाये पहने कमर में कोंदानिया,
घर घर बधाई बाजे रे ....
दसरथ के अंगना में धोलग प्रभु जी भरत शत्रु लक्ष्मण जी,
माता सुमित्रा केकई कोसल्या गोदी खिलाये कभी चूमे जी,
संतो में महंतो को भोजन करवाए भर भर के धान लुटाये रे,
घर घर बधाई बाजे रे .....
विष्णु अवतारी राम जी हमारे सबकी ही नैया तारे गे,
अब तो बचे ना पापी आधर्मी रावन को राम जी सम्बले गये,
राम राम जो भोले की रीतू भाव से ये पार उतारे गये,
घर घर बधाई बाजे रे