देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ ।
अब तो कृपा कर दीजिए, जनम जनम का साथ ।
मेरे सर पर रख बनवारी अपने दोनों यह हाथ ॥
देने वाले श्याम प्रभु से धन और दौलत क्या मांगे ।
श्याम प्रभु से मांगे तो फिर नाम और इज्ज़त क्या मांगे ।
मेरे जीवन में अब कर दे तू कृपा की बरसात ॥
श्याम तेरे चरणों की धूलि धन दौलत से महंगी है ।
एक नज़र कृपा की बाबा नाम इज्ज़त से महंगी है ।
मेरे दिल की तम्मना यही है, करूँ सेवा तेरी दिन रात ॥
झुलस रहें है गम की धुप में, प्यार की छईया कर दे तू ।
बिन माझी के नाव चले ना, अब पतवार पकड़ ले तू ।
मेरा रास्ता रौशन कर दे, छायी अन्धिआरी रात ॥
सुना है हमने शरणागत को अपने गले लगाते हो ।
ऐसा हमने क्या माँगा जो देने से घबराते हो ।
चाहे जैसे रख बनवारी, बस होती रहे मुलाक़ात ॥