थारे अंगनिया में नाचू बाबा मोर बनके,
तू जो बरसे घटा घनगौर बनके,
तेरा चित मैं चुरा लू चित चोर बनके,
तू जो बरसे घटा घनगौर बनके,
छपन भोग बनाऊ थारी खातिर ओ सांवरिया,
पार मैं करलु थारे मारे बीच हो जो भी दरिया,
गुन्जु मंदिरो में घंटियों का शोर बनके,
तू जो बरसे घटा घनगौर बनके,
तेरे रंग में रंगके प्यारे तेरा रंग बन जाऊ,
जैसे चाहे मुझे नचाले मैं पतंग बन जाऊ,
वादा कर रहे गा मेरी डोर बनके,
तू जो बरसे घटा घनगौर बनके,
चरणजीत की जीत में तेरी जीत है खाटू वाले,
जनम जन्म से तुहि इसका मीट है खाटू वाले,
तुजे रोज मैं जागहु बाबा घोर बनके,
तू जो बरसे घटा घनगौर बनके,