श्याम सलोना हमसे रूठ गया,
गोकुल वृद्धावन कैसे छूट गया
काहे को यशोदा मैया कृष्ण को पला,
ऐसे छली को बोलो घर में क्यों डाला,
ना वो गोकुल में आता न हमसे प्रीत लगता,
प्रीत लगाके काहे दिल तोड़ जाता,
प्रेम हमारा कैसे टूट गया,
श्याम सलोना हमसे रूठ गया....
काहे को विदाता ऐसी सूरत बनाई,
जिसने भी देखा उसके मन में समाई,
रास रचना उसका माखन चुराना उसका,
मुरली बजाना कैसे भूले कनाही,
नाता हमारा कैसे टूटू गया,
गोकुल वृद्धावन कैसे छूट गया
मथुरा में माखन मिश्री कहा से मिले गा,
कदम की छैया बंसी कौन तो सुने गा,
बांके बिहार प्यारे हम भी है दास तुम्हारे,
हम जैसा साथ वह पर कहा पे मिले गा,
देखे गए मोहन कैसे रूठ गया,
गोकुल वृद्धावन कैसे छूट गया