बिन मांगे मोती मिलत और मांगे मिले न भीख,
साई बिना जग सुना मेरे मीत,
भजन बिना ना जग सुना मेरे मीत,
गुरु की बिन कोई ज्ञान नहीं है विद्या बिना सामान नहीं है,
प्रभु के बिना चाहु और अँधेरा,
जैसे गीत बिना संगीत,
बिन मांगे मोती मिलत और मांगे मिले न भीख,
बचपन तूने खेल गवाया,
आधी जवानी नींद भर सोया,
देख भूडपा फिर क्यों रोया जोड़ी हरी से न प्रीत,
साई बिना जग सुना मेरे मीत,
भजन बिना ना जग सुना मेरे मीत,
जो साई के शरण में जाता बिन मांगे वो सब कुछ पाता,
हर मुश्किल का अंत है शिरडी,
बंदे होगी तेरी जीत,
बिन मांगे मोती मिलत और मांगे मिले न भीख,
साई बिना जग सुना मेरे मीत भजन बिना ना जग सुना मेरे मीत,