नहीं जीना नहीं जीना नहीं जीना श्याम बिन नहीं जीना,
एह ऋषियां दा भरियाँ ज़ेहरा प्याला नहीं पीना,
राती सतगुरु आए गये कान विच मंतर पा गये,
मेरे सुते भाग जगा गे श्याम बिन नहीं जीना,
नहीं जीना नहीं जीना नहीं जीना श्याम बिन नहीं जीना,
सखी श्याम बिन नहीं जीना राधा रमन बिन नहीं जीना बांके बिहारी बिन नहीं जीना,
राधा रमन बिन नहीं जीना राधा भलब बिन नहीं जीना,
नहीं जीना नहीं जीना नहीं जीना श्याम बिन नहीं जीना,
रोइ बथेरा कली बह के सारी सारी रात ना सोवा,
टूट जाने रिश्ते रूस जाए दुनिया हो जावे जो होना,
श्याम बिन नहीं जीना,
नहीं जीना नहीं जीना नहीं जीना श्याम बिन नहीं जीना,
ना मैं मंगदी पैसा ठेला ना मेरी अभिलाषा,
नाम तेरे दा गिद्दा पावा लोकी केहन तमाशा,
श्याम बिन नहीं जीना,
नहीं जीना नहीं जीना नहीं जीना श्याम बिन नहीं जीना,
की की किता अपनाया खातिर अपने होये बेगाने,
श्री हरिदासी अन्द्रो टूट गई जा बैठी बरसाने,
श्याम बिन नहीं जीना,
नहीं जीना नहीं जीना नहीं जीना श्याम बिन नहीं जीना,
मर मर के मैं बहुत जी लिया जी जी के मर जावा,
लंग गये लाझ चौरासी गेडे हूँ नहीं खाली जाना
श्याम बिन नहीं जीना,
नहीं जीना नहीं जीना नहीं जीना श्याम बिन नहीं जीना,