सुर में तेरे ढल जाऊं मैं,
सुध ले रे सँवारे,
तेरे बंसी खुद बन जाऊ मैं,
तेरे तराने गा गा रिजाऊ हाथो में तेरे इतराु
होठो से तेरे मैं लग जाऊ,
अपने सुर तेरे सुर में मिलाउ,
सूद ले ले सँवारे तेरी बंसी खुद बन जाऊ मैं,
सुर में तेरे ढल जाऊं मैं.....
मस्ती में झुमु मस्ती में गाउ,
तेरे स्वरों में कान्हा साज सजाउ,
ऐसी मस्ती और कही ना,
हर दम ही तेरा साथ मैं पाउ,
सुध ले रे सँवारे,
तेरे बंसी खुद बन जाऊ मैं,
अब न दर्द सीने में छुपाऊ,
गोपी बिरहा का मैं गीत गऊ,
हरी गन सिसक सिसक मैं गाउ,
झड़ चेतन सब को ही जगाउ,
सुध ले रे सँवारे,
तेरे बंसी खुद बन जाऊ मैं,
तेरे प्रेम में मैं वेद जाऊ
अपना तन बिरहा में जलाऊ,
शीत गाम सब कुछ सेह जाऊ,
इंदु प्रेम के गीत मैं गाउ
सुध ले रे सँवारे,
तेरे बंसी खुद बन जाऊ मैं,