जपो जी राम जपो सुबहो और शाम जपो,
राम जी ओ राम जी साँचा तेरा नाम जी,
सब के दुःख दूर करे तेरा इक नाम जी,
जपो जी राम जपो सुबहो और शाम जपो,
नो अक्षर का ये नाम तन मन शीतल करे,
निश दिन जो राम जपे भव सागर वो तरे,
राम नाम चपु लगा के केवट की नैया तरी,
पार लगावे तुझको जय रघु नन्द हरी,
जपो जी राम जपो सुबहो और शाम जपो,
अवगुणी हो या गुनी राम सब के प्यारे,
दया के सागर दुखियो की सागारी,
अर्पण कर राम नाथ डोर तुझको तारी,
राम किरपा से तर गए जो पत्थर भरी,
जपो जी राम जपो सुबहो और शाम जपो,
तीनो लोको में मेरे राम का बसेरा,
मन चित से श्री राम भजो न कर मेरा तेरा,
रनिका भी तर गई ले शूट का सहारा,
राम किरपा ने दीपक को तारा,
जपो जी राम जपो सुबहो और शाम जपो,