दुनिया ने ठुकराया मुझको साई तू है सहारा ,
मुझे अपनी शरण में लेलो,
नीम तले शिरडी में आकर तुम ने समाधि लगाई,
कड़वे नीम को मीठा करके साबित कर दी खुदाई,
श्रद्धा सबुरी केशव दो से मैंने अर्ज लगाई,
मुझे अपनी शरण में लेलो......
माया का लोभी था सिकंदर मौत से बच न पाया,
खाली हाथ गया दुनिया से क्या था जग में लाया,
मेरी भी नैयाँ पार लगा दे साई तू है किनारा,
मुझे अपनी शरण में लेलो,...........
कोई नहीं है दुःख में अपना तू है दुखी का सहारा,
हस के इतना कह दे बाबा साई तू है हमारा,
हमसर ने जब ध्यान लगाया साई तुझको पुकारा,
मुझे अपनी शरण में लेलो,...........