तू दाता असि मंगते तेरे बन बन खड़े सवाली,
तनु दाता किसे न कहां जे असि मुड़ गये खाली,
सोने चांदी दा की मंगना,किरपा मंगिये तेरी,
पग दाता जी तेरे चरना विच लग जाए सुरति मेरी,
तू दाता असि मंगते तेरे बन बन खड़े सवाली,
तू चाहे ता मंगते दे भी सिर ते ताज लगा दे,
ना चाहे ता राजे तो भी दर दर भीख मंगा दे,
तू दाता असि मंगते तेरे बन बन खड़े सवाली,
ना सोने दा चटर चडाया ना कोई भेट ले आये,
मैं मस्ताना नाम तेरे दा मेनू होश न आये,
तू दाता असि मंगते तेरे बन बन खड़े सवाली,
मैं पापी तू बक्शन हारी अर्ज करा दर तेरे,
भरदे झोली मेरी तेनु द्यावा शाम सवेरे,
तू दाता असि मंगते तेरे बन बन खड़े सवाली,