बम लेहरी शिव लेहरी बम लेहरी,
बोल बम बोल बम बम लेहरी,
सब देवो में देव दयालु कहते आप को,
आप करते नष्ट पापियों के पाप को,
बम लेहरी शिव लेहरी बम लेहरी,
माथे पे चन्दर पा करता रहता उजाला,
पहने भोले नाथ काले सर्पो की माला,
बम लेहरी शिव लेहरी बम लेहरी,
कैसु म्यूजिक में संध्या की वाणी से फली,
यदि वंशी महावीर कवी की लेखनी चली,
बम लेहरी शिव लेहरी बम लेहरी,