आया मोर दी सवारी करके,
पौनाहारी जोगी हो गया.....
हाथ मेरे विच गंगा गल गड़वा,
नी मै इस्नान करावा तड़के,
पौनाहारी जोगी हो गया,
आया मोर........
हाथ मेरे विच फुल्ला वाली माला,
नी मै हार पहनावा तड़के,
पौनाहारी जोगी हो गया,
आया मोर.........
हाथ मेरे विच केसर कटोरी,
नी मै तिलक लगावा तड़के,
पौनाहारी जोगी हो गया,
आया मोर.......
हाथ मेरे विच मीठा मीठा रोट,
नी मै भोग लगावा तड़के,
पौनाहारी जोगी हो गया,
आया मोर.........