तेरी बजती मुरलिया सुन कर के नाचन चली आई ओ सांवरे,
जब आयो गर्मी का महीना तन से टपके टप टप पसीना,
तेरा मोरनी पंखा देख के नाचन चली आई ओ सांवरे,
तेरी बजती मुरलिया...
नागिन बन कर डसी बांसुरियां,
तेरी प्रीत में भई रे वनवारियाँ,
कजरारे नैना देख के नाचन चली आई ओ सांवरे,
तेरी बजती मुरलिया........
सांवरियां मत और सताओ,
अब हम को तुम अपना बनाया,
तेरी वनवारी सूरत देख के नाचन चली आई ओ सांवरे,
तेरी बजती मुरलिया............
बरसाने की मैं हु गुजारियाँ,
चरण कमल में बीते उमारियाँ,
तेरी लट गुंगराली देख के नाचन चली आई ओ सांवरे,
तेरी बजती मुरलिया