रेहमत तेरी ऐसी हुई

रेहमत तेरी ऐसी हुई क्या मैं बताओ मैं क्या हो गई,
किरपा गुरु जी तेरी हुई ज़िंदगी गमो से रिहा हो गई,

जब जब मैं बिखरी सम्बाला है तूने,
बे जानो में ज़िंदगी को डाला है तुम्हने,
शुकराना है नजराना है दिल के में गोरा सफा हो गई,
किरपा गुरु जी तेरी हुई ज़िंदगी गमो से रिहा हो गई,

तेरी भक्ति का रस जिसको भी चढ़ा है,
वो खुशियों के दामन में झूमा पड़ा है,
जो अनजान थे वो ज्ञानी बने जिसपर भी तेरी रजा हो गई,
किरपा गुरु जी तेरी हुई ज़िंदगी गमो से रिहा हो गई,

तेरी शक्ति नसीबो को पलटी खिला दे,
जो हो न सके वो तू करके दिखा दे,
तुझको पता हर मर्ज का मेरे नजर गवाह हो गई,
किरपा गुरु जी तेरी हुई ज़िंदगी गमो से रिहा हो गई,

ॐ नमः शिवाये शिव जी सदा सहाये,
ॐ नमः शिवाये गुरु जी सदा सहाये,
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