कहन्दे तनु पौणाहारी कहन्दे तनु दुधा धरी,
करके तू मोर सवारी आजा हुन पौणाहारी,
देर ना तू लावी वे लाइया जे तोड़ निभाभी छेटी आ जावी वे,
लाइया जे तोड़ निभाभी ....
तेरिया रहा तका छम छम ने रोन्दियाँ अखा,
तेरे बिन कोई न मेरा ना कोई साथी सखा,
आजा वे मेरिया सइयां देर न तू लावी वे,
लाइया जे तोड़ निभाभी
तेरिया बेपरवाहियाँ तड़पा मैं वांग शुदाहियाँ,
तेरे आ बच्या कोलो चलियाँ ना जान जुड़ाइयाँ,
संगत तेरी अरजा करदी दर्श दिखाई वे,
लाइया जे तोड़ निभाभी
कलयुग दे विच सी आया शंकर दा नाम धया,
कई जन्मा किती भगति शंकर तो वर सी पाया,
साड़ी भी धुबड़ी वेहड़ी पार लगावी वे,
लाइया जे तोड़ निभाभी...
ऐसी अनजान बचे हां तेरी न ज्योत पहचानी,
सजना मैं तेरा बाबा सच्ची तेरी अमर कहानी,
राजी तेरा द्वे दुहाइयाँ अमित तेरा द्वे दुहाइयाँ ना तू भूल जावी वे,
लाइया जे तोड़ निभाभी