करदो न इक बार ऐसी किरपा सरकार,
सब छोड़ के जीवन में श्याम बस तेरा सुमिरन हो,
दरबार में सांवरियां बन के बैठु चाकरियाँ,
हो जाए किरपा तेरी गुजरे यु सारी उमरियाँ,
तेरा दर्शन तेरा बंधन हो जीवन का इक सार,
करदो न इक बार ऐसी किरपा सरकार,
सब छोड़ के जीवन में श्याम बस तेरा सुमिरन हो,
हो सांझ सवेरे कीर्तन दीनो के नाथ तुम्हारा,
नहीं रहे खबर दुनिया की ऐसा हो प्रेम हमारा,
जैसी राधा नरसी मीरा ने किया था तुमसे प्यार,
करदो न इक बार ऐसी किरपा सरकार,
सब छोड़ के जीवन में श्याम बस तेरा सुमिरन हो,
महसूस करू मैं मोहन एहसास तेरे होने का,
प्रिये प्राण से प्रिये प्रीतम नहीं जग के दर खोने का,
राजू तो बस इतना चाहे रहे संग सदा करतार,
करदो न इक बार ऐसी किरपा सरकार,
सब छोड़ के जीवन में श्याम बस तेरा सुमिरन हो,